विश्व इतिहास में प्रमुख युद्ध | Major wars in world history.

 
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विश्व इतिहास में प्रमुख युद्ध|Major wars in world history. biggest wars in world history.

Gkworldhali में आपका स्वागत है आज हम पढ़ेंगे विश्व की इतिहास में प्रमुख युद्ध, किस किस के बीच हुए, कौन सा देश हारा आदि के बारे में।

प्राचीन काल से युद्ध मानव सभ्यता का एक आवर्तक पहलू रहा है। पूरे इतिहास में, कई संघर्षों ने राष्ट्रों के पाठ्यक्रम को आकार दिया है, सीमाओं को फिर से परिभाषित किया है, और संपूर्ण सभ्यताओं की नियति को बदल दिया है। प्राचीन लड़ाइयों से लेकर आधुनिक युद्ध तक, दुनिया ने कई बड़े युद्ध देखे हैं जिन्होंने मानव इतिहास के ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह लेख विश्व इतिहास के कुछ सबसे महत्वपूर्ण युद्धों की पड़ताल करता है।

Important wars in world history.

• पेलोपोनेसियन युद्ध (431-404 ईसा पूर्व) : पेलोपोनेसियन युद्ध, एथेंस और स्पार्टा के शहर-राज्यों के बीच लड़ा गया, प्राचीन ग्रीस में एक परिभाषित संघर्ष था। दो दशकों से अधिक समय तक चले, इसके परिणामस्वरूप एथेनियन शक्ति का पतन हुआ और स्पार्टा का क्षेत्र में प्रमुख शक्ति के रूप में उदय हुआ। युद्ध ग्रीक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था और पश्चिमी सभ्यता के विकास के लिए इसके दूरगामी परिणाम थे।

• द पूनिक वॉर्स (264-146 ईसा पूर्व) : द प्यूनिक वॉर्स रोम और कार्थेज के बीच तीन संघर्षों की एक श्रृंखला थी, जो प्राचीन मेडिटेरेनियन की दो शक्तिशाली शक्तियां थीं। क्षेत्रीय विवादों और प्रभुत्व के लिए प्रतिस्पर्धा से छिड़े युद्ध रोम की जीत और कार्थेज के पूर्ण विनाश के साथ समाप्त हुए। इन युद्धों ने रोम को भूमध्य सागर की प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया और इसके भविष्य के साम्राज्य की नींव रखी।
• सौ साल का युद्ध (1337-1453) : सौ साल का युद्ध इंग्लैंड और फ्रांस के बीच प्रादेशिक दावों और फ्रांसीसी ताज के नियंत्रण को लेकर एक लंबा संघर्ष था। एक सदी से भी अधिक समय तक चले इस युद्ध में महत्वपूर्ण सैन्य और सामाजिक परिवर्तन हुए, जैसे धनुष का उदय और राष्ट्रीय पहचान का उदय। इसके परिणामस्वरूप अंततः फ्रांसीसी जीत हुई, राष्ट्र को मजबूत किया और सामंतवाद को कमजोर कर दिया।
• तीस साल का युद्ध (1618-1648) : तीस साल का युद्ध एक जटिल यूरोपीय संघर्ष था जिसकी विशेषता धार्मिक, राजनीतिक और क्षेत्रीय विवाद थे। पवित्र रोमन साम्राज्य में उत्पन्न, युद्ध ने कई यूरोपीय शक्तियों को आकर्षित किया और भारी तबाही मचाई। इसका परिणाम वेस्टफेलिया की शांति में हुआ, जिसने यूरोपीय राज्यों की सीमाओं को फिर से परिभाषित किया और राज्य की संप्रभुता के सिद्धांत को स्थापित किया।

• अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध (1775-1783) : अमेरिकी क्रांतिकारी युद्ध ने उत्तरी अमेरिका में तेरह ब्रिटिश उपनिवेशों की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष को चिह्नित किया। उपनिवेशवादियों और ब्रिटिश साम्राज्य के बीच लड़ा गया युद्ध संयुक्त राज्य अमेरिका के जन्म का कारण बना। इस संघर्ष में अमेरिकी जीत ने दुनिया भर के अन्य क्रांतिकारी आंदोलनों को प्रेरित किया और लोकतंत्र के विकास पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।

• नेपोलियन युद्ध (1803-1815) : नेपोलियन युद्ध नेपोलियन बोनापार्ट और उनके फ्रांसीसी साम्राज्य द्वारा विभिन्न यूरोपीय गठबंधनों के खिलाफ लड़े गए संघर्षों की एक श्रृंखला थी। इन युद्धों ने यूरोप के राजनीतिक मानचित्र को फिर से आकार दिया, पवित्र रोमन साम्राज्य को समाप्त कर दिया और राष्ट्रवाद के प्रसार को बढ़ावा दिया। अंततः, वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन की हार ने उसके साम्राज्य के अंत को चिह्नित किया और यूरोपीय शक्ति संतुलन के एक नए युग की शुरुआत की।
• प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) : प्रथम विश्व युद्ध, जिसे महायुद्ध के नाम से भी जाना जाता है, एक वैश्विक संघर्ष था जिसमें दुनिया की कई प्रमुख शक्तियाँ शामिल थीं। राजनीतिक तनाव और प्रतिद्वंद्विता से छिड़ गया, युद्ध ने एक अभूतपूर्व पैमाने पर आधुनिक हथियारों और खाई युद्ध के उपयोग को देखा। वर्साय की संधि, जिसने युद्ध को समाप्त कर दिया, ने जर्मनी पर भारी दंड लगाया और बाद के संघर्षों की नींव रखी।

युद्ध सूची | list of major wars in world history.

मैराथन का युद्ध  : सन 490 ईसा पूर्व में ग्रीक ने ईरानियों को हराया।

हेस्टिंग्स का युद्ध : सन 1066 ई. में हैराल्ड को विलियम ने हराया।

शतवर्षीय युद्ध : 1338 से 1453 ई में फ्रांस ने इंग्लैंड को हराया।

स्पेनिश आर्मेडा का युद्ध  : सन 1588 ई में इंग्लैंड ने स्पेन को हराया।

जिब्राल्टर का युद्ध : सन 1606 से 1607 ई में डचों ने स्पेन/ पुर्तगाल को हराया।

मार्स्टन का युद्ध  : सन 1644 ई में क्रामवेल ने चार्ल्स प्रथम को पराजित किया।

सप्तवर्षीय युद्ध : सन 1756 से 1763 ई में इंग्लैंड , जर्मनी ने फ्रांस वा रूस को हराया।

अमेरिकी स्वतंत्रता युद्ध : सन 1776 से 1783 ई में वॉशिंगन ने कार्नवालिस को हराया।

नील नदी का युद्धसन 1798 ई में इंग्लैंड ने फ्रांस को हराया।

ट्रैफलगर युद्ध : सन 1805 ई में इंग्लैंड ने फ्रांस वा स्पेन को हराया।

ऑस्ट्लिज का युद्ध : सन 1805 ई में फ्रांस ने ऑस्ट्रिया को हराया।

लिपजिंग का युद्ध : सन 1813 ई में फ्रांस ने रूस और ब्रिटेन को हराया

वाटरलू का युद्ध : सन 1815 ई में ब्रिटेन ने नेपोलियन को हराया।।

अमेरिकन गृह युद्ध : सन 1862 से 1866 ई में उत्तरी अमेरिका ने दक्षिणी अमेरिका को हराया।

• चीन जापान युद्ध: सन 1894 से 95 ई में जापान ने चीन को पराजित किया।

रूस जापान का युद्ध : सन 1905 ई में जापान ने रूस को हराया।

प्रथम विश्व युद्ध :  सन 1914 से 18 ई में मित्र राष्ट्र ने धुरिराष्ट्र को हराया।

द्वितीय विश्व युद्ध : सन 1939 से 45 ई में मित्राष्ट्र ने धुरी राष्ट्र को हराया।

स्वेज नहर हेतु युद्ध : सन 1956 ई में ब्रिटेन , फ्रांस ,इजराइल/ मित्राष्ट्र के बीच।

वियतनाम का युद्ध : सन 1965 से 76 ई में वियतनाम ने अमेरिका को हराया।

अरब इजराइल युद्ध : सन 1973 ई में इजराइल ने अरब राष्ट्र समूह को हराया।

इराक ईरान का युद्ध :  सन 1980 से 88 ई मे युद्ध विराम हुआ।

कॉक लैंड का युद्ध : सन 1982 ई मे ब्रिटेन ने अर्जेंटीना को हराया।

खाड़ी युद्ध प्रथम : सन 1991 ई में मित्रदेश समूह ने इराक को हराया।

अफ़गान युद्ध : सन 2001 ई में अमेरिका वा मित्रदेशो ने तालिबान को हराया।

खाड़ी युद्ध द्वितीय : सन 2003 में अमेरिका व मित्र देशों ने इराक को हराया।

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भारत की प्रमुख झीलें।

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भारत की प्रमुख झीलें | Major lakes in india.

 
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भारत में प्रमुख झीलें|Major lakes in india.

भारत अलग-अलग कई प्रकार के परिदृश्य और अजूबों का देश है। जो पूरे देश में बिखरी हुई झीलों को समेटे हुए है। हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों से लेकर दक्षिण के तटीय इलाकों तक, ये मनमोहक जल निकाय लुभावने दृश पेश करते हैं। और स्थानीय समुदाय को अमूल संसाधन प्रदान करते है । इस Gkworldhali में, हम भारत की कुछ प्रमुख झीलों के बारे में जानेंगे।

• डल झील : कश्मीर के रत्न
कश्मीर के सुरम्य क्षेत्र में स्थित , डल झील सुंदरता और शांति का प्रतिष्ठित प्रतीक है। इसका पानी आस पास के पहाड़ों की बर्फ से ढकी चोटियों को दर्शाता है। जो एक मंत्र मुग्ध कर देने वाला दृश्य बनता है। डल झील अपने अनोखे तैरते हुए बगीचों के लिए प्रसिद्ध है। जिन्हें स्थानों रूप से "रेड" और "बंड" के रूप में जाना जाता है। जहां तैरती वनस्पतियों फूलों और सब्जियां की जाती हैं। शिकारा पारंपरिक लकड़ी की नावें झील के पार शानदार ढंग से तैरती हैं। आगंतुकों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करती हैं।

• पैंगोंग त्सो - एक प्राचीन हिमालयी आश्चर्य
लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र में स्थित पैंगोंग त्सो एक लुभावनी उच्च ऊंचाई वाली झील है। 134 किलोमीटर में फैले अपने झिलमिलाते नीले पानी के साथ, यह राजसी झील आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। फ़िरोज़ा से लेकर गहरे नीले रंग तक, झील के हमेशा बदलते रंग, एक दृश्य तमाशा प्रस्तुत करते हैं। लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्मों में प्रदर्शित होने के बाद पैंगोंग त्सो को वैश्विक पहचान मिली। इसका शांत परिवेश और अनछुई सुंदरता इसे प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक ज़रूरी जगह बनाती है।

• चिल्का झील : ओडिशा में प्रकृति का निवास
भारत के पूर्वी तट पर उड़ीसा राज्य में स्थित चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की लैगून है। यह वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध जैव विविधता का समर्थन करने वाले एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में कार्य करता है। झील पक्षीप्रेमियों के लिए स्वर्ग है, क्योंकि यह सर्दियों के महीनों के दौरान लाखों प्रवासी पक्षियों की मेजबानी करता है। चिल्का झील स्थानीय मछुआरा समुदायों की आजीविका को भी बनाए रखती है और आगंतुकों को इसकी सुंदर सुंदरता का पता लगाने के लिए नाव परिभ्रमण प्रदान करती है।

• वुलर झील: जम्मू और कश्मीर का गहना
जम्मू और कश्मीर के मनोरम परिदृश्य के बीच बसी वुलर झील एशिया के सबसे बड़े ताजे पानी में से एक है। बर्फ से ढके पहाड़ों में घिरा हुआ यह एक मनोहर दृश्य प्रस्तुत करते हैं। झील क्षेत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। और मछली पकड़ने, कृषि में लगे स्थानों समुदायों के आजीविका का स्रोत प्रदान करती है। वुलर विभिन्न प्रवासी पक्षियों के लिए एक अभ्यारण के रूप में भी काम करती है। जो इसे पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग बनाती है।

भारत की प्रमुख झीलें देश की समृद्ध प्राकृतिक विरासत और सांस्कृतिक महत्व को समाहित करती हैं। कश्मीर में शांत डल झील से लेकर जम्मू और कश्मीर में वुलर झील के विशाल विस्तार तक, ये जल निकाय न केवल विस्मयकारी हैं बल्कि स्थानीय समुदायों और पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन शानदार झीलों की खोज करने से भारत के प्राकृतिक अजूबों में डूबने का अवसर मिलता है, जिससे स्थायी यादें और हमारे ग्रह की सुंदरता के लिए गहरी सराहना मिलती है।


भारत की प्रमुख झीलें : List of Major lakes in india.


डल झील - जम्मू कश्मीर।

वुलर लेक - जम्मू कश्मीर।

बैरिनाग झील - जम्मू कश्मीर।

राजसमंद झील  - राजस्थान।

सांभर झील - राजस्थान।

पिछौला झील - राजस्थान।

• सात ताल झील  - उत्तराखंड।

नैनीताल झील - उत्तराखंड।

राकस्तल झील - उत्तराखंड।

मालताल झील - उत्तराखंड।

हुसैनसागर झील - आंध्र प्रदेश।

पुलकट झील - तमिलनाडु।

नागिन झील  - जम्मू कश्मीर।

शेषनाग झील - जम्मू कश्मीर।

अनंतनाग झील - जम्मू कश्मीर।

• लुन करन सर झील - राजस्थान।

जयसमंद झील - राजस्थान।

फतेहसागर झील राजस्थान।

एडीडवाना झील  - राजस्थान।

देवताल झील  - उत्तराखंड।

नौकुछिया ताल झील  - उत्तराखंड।

खुरपाताल झील - उत्तराखंड।

कोलेरू झील - आंध्र प्रदेश।

• चिल्का झील - उड़ीसा।

• लोनार झील - महाराष्ट्र।

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भारत की प्रमुख नदियां | Major Rivers in india.

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भारत की प्रमुख नदियां| Major Rivers In India.

Gkworldhali में आपका स्वागत है आज हम पढ़ेंगे भारत की प्रमुख नदियों के बारे में।

भारत विभिन्न प्रकार की और संपन्न सांस्कृतिक विरासत की भूमि है, उपमहाद्वीप को पर करने वाली नदियों के विशाल नेटवर्क से धन्य है।  ये शानदार जलमार्ग न केवल जीवनदायक जल के स्रोत हैं बल्कि देश के इतिहास, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। शक्तिशाली गंगा से लेकर मनमोहक ब्रह्मपुत्र तक, भारतीय नदियां निर्विवाद रूप से राष्ट्र की जीवन रेखाएं हैं।
उत्तर की नदी :
गंगा जिसे भारत में इस नदी को बहुत पवित्र नदी के रूप में माना जाता है अधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर से निकल कर , यह उत्तरी मैदानों से हो कर बहती है , जो अपने मार्ग में लाखों लोगों के जीवन को छूती है। वाराणसी दुनियां के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक गंगा के तट पर फलता फूलता है। धार्मिक अनुष्ठान करने और आध्यात्मिक शांति पाने के लिए देश भर से लोग, तीर्थयात्री इसके जल में स्नान करने आते हैं। 
पूर्व की नदी :
पूर्व की ओर बढ़ते हुए, ब्रह्मपुत्र तिब्बत के पठार से निकलती है और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से होकर गुजरती है। अक्सर इसे असम का शोक कहा जाता है। नदी की दोहरी प्रकृति होती है। जब की इसकी बाढ़ तबाही लाती है । वे उपजाऊ गाद भी लाती है। जिससे यह क्षेत्र कृषि के लिए असाधारण रूप से उपजाऊ हो जाते हैं।
पश्चिम की नदी :
पश्चिम में सिंधु नदी जम्मू और कश्मीर के शुष्क परिदृश्य और भारत के उत्तरी पश्चिमी राज्यों से होकर गुजरती है। नदी का नाम ही सिंधु घाटी सभ्यता से लिया गया है। जो हजारों साल पहले इसके किनारे पनपी थी। सिंधु क्षेत्र में कृषि के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत है। जो किसानों की आजीविका का समर्थन करता है।  नदी पनबिजली उत्पादन का अभिन्न अंग है जो देश की ऊर्जा जरूरत को पूरा करती है।
दक्षिण की नदी :
दक्षिण में गोदावरी, कृष्ण और कावेरी नदियां दक्कन के पठार पर हावी है। भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी गोदावरी को अक्सर " दक्षिणी गंगा" या दक्षिण का गंगा कहा जाता है यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में कृषि भूमि के बड़े हिस्से की सिंचाई करता है। इसी तरह कृष्ण और कावेरी नदियां महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के लिए जीवन रेखा हैं। जो सिंचाई, पनबिजली उत्पादन, शहरी जल आपूर्ति में सहायक हैं।

जहा ये नदियां  देश के लिए सामाजिक और आर्थिक ताने बाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं वहीं उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है । प्रदूषण, अतिक्रमण और पानी की अत्यधिक निकासी ने उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर भी डाला है।इन महत्वपूर्ण जल निकायों के कायाकल्प और संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने सामुदायिक  भागेदारी और पर्यावरण जागरूकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए गंगा को साफ और पुनर्जीवित करने के लिए 
नमामि गंगे जैसी पहल सुरु की है।

भारतीय नदियां केवल जल के स्रोत नहीं हैं बल्कि वे देश की पहचान और सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग हैं । वे कला, संगीत और साहित्य को प्रेरित करती हैं और उनकी उपस्थिति ने सदियों से लाखों लोगों को जीवन का आकार दिया है । जैसे जैसे भारत प्रगति कर रहा है और नई चुनौतियों का सामना कर रहा है , उसकी नदियों का संरक्षण और सतत प्रबंधन प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।

भारत की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल, मुहाना, और लंबाई  : Source, mouth, and length of major rivers of India.

सिन्धु नदी
उद्गम स्थल  मानसरोवर झील के समीप स्थित सनोखवाब हिमनद।
संगम/ मुहाना  अरब सागर।
लम्बाई  2880 किलोमीटर।
गंगा नदी :भागीरथी और अलकनंदा का संगम स्थल देवप्रयाग से निकल कर , बंगाल की खाड़ी में गिरती है। लम्बाई 2525 किलोमीटर।
ब्रह्मपुत्र नदी: 
उद्गम स्थल  मानसरोवर झील के समीप स्थित चिमायुंग दुंग हिमानी से निकल कर, 
मुहाना  बंगाल की खाड़ी में ।
लम्बाई  2900 किलोमीटर।
चिनाब नदी
उद्गम स्थल  बारालाचा दर्रा (लाहौर स्पीति)
मुहाना  सिन्धु नदी में।
लम्बाई 1800 किमी.।
यमुना नदी :
उद्गम स्थल  बंदरपूंछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित यमुनोत्री हिमानी से।
मुहाना  प्रयाग( इलाहाबाद) गंगा नदी में।
लम्बाई  1375 किमी.।
चंबल नदी
उद्गम स्थल  मध्य प्रदेश में महू के समीप स्थित जमापाव पहाड़ी से।
मुहाना  यमुना नदी में।
लम्बाई 1050 किलोमीटर।
घाघरा नदी
उद्गम स्थल  मल्सातुंग हिमानी से।
मुहाना  गंगा नदी में।
लम्बाई 1080 किलोमीटर।
सतलज नदी :
उद्गम स्थल मान सरोवर झील के समीप राकस ताल से।
मुहाना  चिनाब नदी में।
लम्बाई 1050 किमी.।
रावी नदी :
उद्गम स्थल  रोहतांग दर्रे के समीप से।
मुहाना चिनाब नदी में।
लम्बाई 720 किमी.।
व्यास नदी :
उद्गम स्थल रोहतांग दर्रे के समीप तल से।
मुहाना सतलज नदी में।
लम्बाई 470 किमी.।
झेलम नदी: 
उदगम स्थल बेरीनाग (कश्मीर) के समीप शेषनाग झील से।
मुहाना  चिनाब नदी में।
लम्बाई 725 किमी.।
गंडक नदी :
उद्गम स्थल नेपाल से।
मुहाना गंगा नदी में।
लम्बाई 425 किमी.
• कोसी नदी :
उद्गम स्थल गोसाई धाम चोटी के उत्तर से ।
मुहाना  गंगा नदी में।
लम्बाई 730 किमी.
बेतवा नदी
उद्गम स्थल विंध्याचल पर्वत से 
मुहाना यमुना नदी में,
लम्बाई 480 किमी.।
सोन नदी
उद्गम स्थल अमर कंटक की पहाड़ियों से ,
मुहाना गंगा नदी में,
लम्बाई 780 किमी.।
कृष्णा नदी : 
उद्गम स्थल महाबलेश्वर के समीप पश्चिमी घाट पहाड़ से ।
मुहाना बंगाल की खाड़ी में।
लम्बाई 1327 किलोमीटर।
गोदावरी नदी :
उद्गम स्थल नाशिक जिले (महाराष्ट्र) के दक्षिण पश्चिम में 64 किमी. दूर स्थित , त्रयंबक गाँव की एक पहाड़ी से।
मुहाना बंगाल की खाड़ी में।
लम्बाई 1465 किलोमीटर।
कावेरी नदी:
उद्गम स्थल कर्नाटक के कुर्ग में स्थित ब्रह्मगिरी पहाड़ी से।
मुहाना बंगाल की खाड़ी में।
लम्बाई 805 किमी.।
तुंगभद्रा  नदी
कर्नाटक के पश्चिम घाट पहाड़ से ।
मुहाना कृष्ण नदी में
लम्बाई 640 किमी. ।
पेन्नार नदी :
उद्गम स्थल नंदीदुर्गे पहाड़ी कर्नाटक से।
मुहाना बंगाल की खाड़ी में।
लम्बाई 570 किमी.।
महा नदी :
उद्गम स्थल छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में सिंहवा के समीप से
मुहाना बंगाल की खाड़ी (कटक के समीप) 
लम्बाई 858 किमी.।
नर्मदा नदी :
विंध्याचल पर्वत श्रेणियों में स्थित अमरकंटक से
मुहाना खंभात की खड़ी मे
लम्बाई 1057 किमी. ।
ताप्ती नदी : 
बैतूल जिले (एम पी) के मुल्ताई नगर के पास से निकल कर, 
मुहाना खंभात की खाड़ी में
लम्बाई 724 किमी. ।
माही नदी:
उद्गम स्थल  विंध्याचल पर्वत श्रेणी से 
मुहाना खंभात की खाड़ी में
लम्बाई 560 किमी. ।
लूनी नदी
उद्गम स्थल अजमेर जिले में स्थित नाग पहाड़ (अरावली पर्वत) से।
मुहाना कच्छ की खाड़ी में।
लम्बाई 450 किमी. ।
घग्घर नदी :
उद्गम स्थल कालका के समीप हिमालय से।
मुहाना हनुमानगढ़ (राजस्थान) में।
लम्बाई 494 किमी. ।
साबरमती नदी : 
उद्गम स्थल उदयपुर जिले के दक्षिण पश्चिम भाग (अरावली पर्वत) से।
मुहाना  कच्छ का ran क्षेत्र में।
लम्बाई 416 किमी.।

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भारत के प्रमुख उद्योग एवं उत्पादक स्थल | Major industries and manufacturing sites of India.

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भारत के प्रमुख उद्योग एवं उत्पादक स्थल| Major industries and manufacturing sites of India. 

Gkworldhali में आपका स्वागत है आज हम पढ़ेंगे भारत के प्रमुख उद्योग एवं उत्पादक स्थल, भारतीय उद्योग, कपड़ा उद्योग, चीनी , लोहा / इस्पात उद्योग, ऊनी कपडा उद्योग, रेशम उद्योग, के बारे में।

भारत एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और तेजी से विकाशील अर्थव्यवस्था वाला देश है। यह 1.3 बिलियन से अधिक लोगों की आबादी वाला दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा अधिक आबादी वाला देश है। भारत में विभिन्न प्रकार के उद्योग हैं जो इसकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। 

कृषि : भारत की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ है और सबसे बड़ा नियोक्ता है। इस इस क्षेत्र में 50% से अधिक आबादी कार्यरत हैं। भारत चावल, गेहूं और कपास जैसे कृषि उत्पादकों का दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। सरकार ने किसानों की स्थिति सुधारने और इस क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए कई सारी योजनाएं लागू की हैं। 

कपड़ा उद्योग : कपड़ा उद्योग भारत में सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक है। यह देश की जीडीपी में लगभग 7% का योगदान देता है। और 45 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है। भारत कपड़ा और परिधानों का दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत सरकार ने कपड़ा उद्योग के विकाश को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना (टी यू एफ एस ) जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी : सूचना प्रौद्योगिकी (आई टी) उद्योग पिछले दशकों में भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका योगदान के रूप में उभरा है। यह देश की जी डी पी में सात प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है और 4 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है। भारत साफ्ट वेयर सेवाओं के दुनियां में सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। और इम्फोसिस, टी सी एस और विप्प्रो जैसी कई वैश्विक आई टी दिग्गजों का घर है।

ऑटोमोबाइल उद्योग : ऑटोमोबाइल उद्योग भारत में सबसे तेजी से बढ़ ने वाले उद्योगों में से एक है जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग सात प्रतिशत का योगदान देता है। भारत ऑटोमोबाइल उद्योग का दुनियां का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा जैसी दिग्गज वैश्विक ऑटोमोबाइल कंपनियों स्थित है।

बैंकिंग और वित्त : बैंकिंग और वित्त उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो देश की जी डी पी में लगभग 7% का योगदान देता है। भारत में एक अच्छी तरह से विकसित बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र है, जिसमे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बैंक काम कर रहे हैं।

अन्त में, भारत में अलग अलग कई प्रकार के उद्योग हैं जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं  सरकार ने इन उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के लिए  और  इन क्षेत्र में कार्यरत लोगों की स्थिति सुधारने हेतु कई योजनाएं लागू की हैं। निरंतर वृद्धि और विकास के साथ, भारत के उद्योगों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख खिलाड़ी बने की क्षमता है।

उद्योग एवं उनके उत्पादक स्थल सूची|Major industries and their sites of india.

 •  सूती कपड़ा: मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, शोलापुर, कोयंबतूर, नागपुर, मदुरै, कानपुर, दिल्ली, बेंगलुरु, लुधियाना, इंदौर, कलकत्ता, पुणे और चेन्नई।
रेशमी वस्त्र उद्योग : असम, कर्नाटक, कश्मीर, झारखंड , ओडिसा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार।
ऊनी वस्त्र उद्योग : कानपुर, धारीवाल, लुधियाना, मुंबई,बेंगलुरु, श्रीनगर, जामनगर।
• लोहा/ इस्पात : जमशेदपुर, हीरानगर, कुल्टी, दुर्गापुर, बर्नपुर, भद्रावती, भिलाई, राउरकेला।
• सीमेंट उद्योग : 
° झारखंड : डालमियानगर, सिंद्री, बंजारी, चाईबासा, खिलारी, जापला, कल्याणपुर।
° आंध्र प्रदेश : मंगलगिरी, मछरेला, मांचेरियल, पनयाम, कृष्ण, विजयवाड़ा।
° गुजरात : सिक्का, अहमदाबाद, रानाबाब, पोरबंदर, सेवालया , द्वारका, ओखामंडल।
° तमिलनाडु : तुलुकापट्टी, तलैयुथु, तिरुनेलवैली, दलमियापुरम, राज मलायम, शंकरी दुर्ग, मधुकराएं।
° मध्य प्रदेश : कैमूर, सतना, बानमोर, कटनी, मंधार।
° छत्तीसगढ़ : दुर्ग, तिल्दा।
° कर्नाटक : बागलकोट, बेंगलुरु, भद्रावती, कुरकुता,शाहबाद।
° राजस्थान : लाखेरी, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, व्यावर,निंबाहेड़ा, उदयपुर।
° हरियाणा : सूरजपुर, डालमिया, दादरी, ।
° उत्तर प्रदेश  : चुर्क, कजर हाल्ट डल्ला।
• जूट उद्योग : पश्चिम बंगाल, बिहार , आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश।
• चमड़ा उद्योग : चेन्नई, आगरा, कोलकाता, दिल्ली, कानपुर, मुंबई, कोयमबटूर।
• कांच उद्योग : फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, बहजोई, नैनी, हावड़ा, बेंगलुरु, बेलगाम।
जलयान : विशाखापत्तनम, कोच्चि, मुंबई, कोलकाता, कांडला, मझगांव।
मोटर उद्योग : मुंबई, कोलकाता,चेन्नई, जमशेदपुर, पुणे, और गुडगांव।
वायुयान : बेंगलुरु, कानपुर, नाशिक, कोरापुट, हैदराबाद।
रेल के डिब्बे : पेरामबुर(चेन्नई), कपूरथला, बंगलौर, कोलकाता, अजमेर।
पेट्रोल : अंकलेश्वर, अलियाविट, बोद्रा, बॉम्बे हाई, कैम्बे, डिगबोई।
लोकोमोटिव : चितरंजन, वाराणसी।

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भारत में खनिज एवं उनके उत्पादक राज्य | Minerals and their producing states in India.

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भारत में खनिज एवं उनके उत्पादक राज्य|Minerals and their producing states in India.

"Gkworldhali" में आपका स्वागत है आज हम पढ़ेंगे भारत में खनिज एवं उनके उत्पादक राज्य; भारतीय खनिज, खनिजों के नाम, खनिज और उसके उत्पादक राज्य, खनिज और राज्यों की सूची आदि।
भारतीय खनिज : Indian minerals.
भारत प्राचीन काल से खनिजों का खजाना रहा है। देश के खनिज संपदा ने इसके आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान है। भारत में खनन के प्रमाण सिंधु घाटी सभ्यता से भी मिलते हैं।
देश भर में फैले खनिज के विशाल भंडारण के साथ, भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला का उत्पादक देश है। देश में लौह अयस्क, बाक्साइड, मैग्नीज, तांबा, सीसा, जस्ता, और सोने चांदी के भी महत्वपूर्ण भंडार हैं।भारत मे पाए जाने वाले अन्य मूल्यवान खनिजों में फास्फेट, चुना पत्थर, क्रोमाइट, अभ्रक शामिल हैं। ये खनिज इस्पात, सीमेंट, उर्वरक और ऊर्जा सहित विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक हैं।
कोयला :
कोयला भारत में पाए जाने वाले सबसे प्रचुर खनिजों में से एक है , जिसका अधिकांश भंडार देश के पूर्वी और मध्य भागों में स्थित है। भारत में कोयले के भंडार का अनुमान लगभग 319 बिलियन टन है। कोयला क्षेत्र देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और इसका बिजली उत्पादन का लगभग 70% हिस्सा है।कोयले का उपयोग स्टील, सीमेंट और बिजली सहित विभिन्न उद्योगों में कोयले का ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
लौह अयस्क :
लौह अयस्क भारत में पाया जाने वाला एक अन्य महत्वपूर्ण खनिज है, भारत विश्व में खनिज का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत के अधिकांश लौह अयस्क ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थित हैं। इस्पात उद्योग में खनिज का उपयोग किया जाता है भारत विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है।
बाक्साइट:
भारत का बाक्साइट भंडारण दुनिया में सबसे बड़ा है जिसमे खनिज मुख्य रूप से ओडिशा , गुजरात और झारखंड राज्यों में पाया जाता है। बाक्साइट खनिज का उपयोग एल्यूमिनियम का उत्पादन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। एयरो स्पेस, परिवहन और निर्माण सहित विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक है।
फास्फेट :
भारत का फास्फेट भंडारण दुनिया का सबसे बड़ा है, फास्फेट खनिज मुख्य रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों में पाया जाता है। खनिज उर्वरकों के उत्पादन के लिए आवश्यक है। यह देश के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
चुना पत्थर :
भारत के चुना पत्थर के भंडारण भी महत्वपूर्ण हैं खनिज मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, राजस्थान, और गुजरात राज्यों में पाया जाता है। चुना पत्थर का उपयोग सीमेंट, स्टील और रसायन सहित विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।
• स्टेनलेस स्टील के उत्पादन के लिए आवश्यक खनिज के साथ भारत के क्रोमाइट भंडार ओडिशा और कर्नाटक राज्यों में स्थित है। भारत अभ्रक के भंडार का भी बड़ा घर है जो मुख्य रूप से झारखंड, बिहार और राजस्थान राज्यों में पाया जाता है। खनिज का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक, सौंदर्य प्रसाधन और इन्सुलिन सहित विभिन्न उद्योगों में प्रयोग किया जाता है।
• भारत देश के मध्य और दक्षिण भागों में स्थित अधिकांश भंडारण के साथ मैंगनीज, तांबा, जस्ता और शीशा के महत्वपूर्ण भंडारण हैं। ये खनिज निर्माण, इलेक्ट्रानिकस और परिवहन सहित विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक हैं।
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भारत में खनिज और उनके उत्पादक राज्य :

एल्यूमिनियम : केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और ओडिशा ।
बाक्साइट: ओडिशा, गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मणिपुर और गोवा।
लौह अयस्क : उड़ीसा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, गोवा, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान, और बिहार।
कोयला : झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, महाराष्ट्र और असम।
अभ्रक : आंध्र प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और बिहार।
चांदी : राजस्थान, कर्नाटक, झारखंड और तमिलनाडू।
हीरा : मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और कर्नाटक।
सोना : कर्नाटक, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु।
तांबा : मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, सिक्किम,आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, मेघालय, उत्तर प्रदेश।
टंगस्टन : राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, प. बंगाल, आंध्र प्रदेश।
कोबाल्ट : राजस्थान और केरल।
क्रोमाइट :ओडिशा , महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मणिपुर और तमिलनाडू।
मैंगनीज : ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गोवा।
फास्फोराइट : मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश।
ग्रेफाइट : उड़ीसा, तमिलनाडु, झारखंड, केरल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश।
सीसा जस्ता : राजस्थान, मेघालय, गुजरात, प. बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, सिक्किम।
यूरेनियम : झारखंड और मध्यवर्ती राजस्थान।
पेट्रोलियम : महाराष्ट्र, गुजरात, असम।
बेरिलियम : झारखंड , आंध्र प्रदेश और राजस्थान।
प्राकृतिक गैस : महाराष्ट्र, गुजरात, असम, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश।
संगमरमर : राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश , तमिलनाडु, कर्नाटक, 
सोरा : झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु।

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भारत की प्रमुख फसलें एवं उनके उत्पादक राज्य | Major crops and their producing states in India.

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भारत की प्रमुख फसलें एवं उनके उत्पादक राज्य |Major crops of India and their producing states|Major crops and their producing states in India.

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हमारा भारत कृषि प्रधान देश है इस क्षेत्र में कार्यरत लगभग आधी से अधिक आबादी कृषि कार्य करती हैं। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। देश की विशाल और तरह तरह की जलवायु परिस्थितियां , फसलों की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करती हैं। जिससे भारत दुनिया का प्रमुख कृषि उत्पादक देशों में से एक बन गया है।

देश की प्रमुख फसलों में चावल, गेहूं, कपास, गन्ना, चाय, कॉफी, दालें, तिलहन , फल और सब्जियां शामिल हैं । ये फसलें भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और देश के लाखों लोगों की रोजी रोजगार प्रदान करती हैं।

भारत की प्रमुख फसलें : Major crops of india.

चावल : चावल भारत की बहु संख्यक आबादी का मुख्य भोजन है। यह खरीफ और रबी दोनो मौसमों में उगाया जाता है। भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा चावल उत्पादक देश है। भारत के प्रमुख चावल पैदा करने वाले राज्य; पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब,बिहार और तमिलनाडु आदि हैं।

गेहूं : गेहूं की फसल भारत में चावल के बाद दूसरी सबसे बड़ी महत्वपूर्ण अनाज की फसल है। यह मुख्य रूप से रबी के मौसम में उगाया जाता है। जो अक्टूबर और दिसंबर के बीच आता है।भारत के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य; उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान हैं।

कपास : कपास भारत की एक व्यवसायिक फसल है। कपास भारत में सबसे महत्वपूर्ण व्यवसायिक फसलों में से एक है। यह खरीब के मौसम में उगाया जाता है जो जून और सितंबर के बीच आता है। भारत कपास का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। कपास उगाने वाले भारत के प्रमुख राज्य; गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और पंजाब हैं।

गन्ना : गन्ना भारत की एक अन्य महत्वपूर्ण नगदी फसल है । यह देश के उष्णकटिबंधी और उपोष्णकटबंधी क्षेत्रों में उगाया जाता है। भारत ब्राजील के बाद दूसरा दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत के गन्ना उत्पादक राज्य; उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और हरियाणा पंजाब हैं।

चाय : भारत दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है और चाय का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। चाय देश के पहाड़ी इलाकों में उगाई जाती है। भारत के चाय उत्पादक राज्य मुख्यतः असम, पश्चिमी बंगाल,तमिलनाडु कर्नाटक हिमाचल प्रदेश और केरल हैं।

कॉफी : भारत कॉफी का एक प्रमुख उत्पादक भी है भारतीय कॉफी अपने अनोखे स्वाद और सुगंध के लिए जानी जाती है। कॉफी भारत के कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जाती है

दलहन : दालें भारतीय आहार में प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। भारत में उगायी जाने वाली प्रमुख दलहनें चना, अरहर, मूंग, काला चना, मसूर आदि रबी की फसल में उगाई जाती हैं भारत के दलहन उत्पादक राज्य ; मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, पश्चिमी बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश राज्य हैं।

तिलहन : भारत तिलहन का एक प्रमुख उत्पादक है। जिसमे मूंगफली, सरसों, तिल, राई, सोयाबीन आदि शामिल हैं। तिलहन मुख्यताः खरीब के मौसम में उगाया जाता है। भारत में तिलहन उत्पादक राज्य; गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिमी बंगाल और उड़ीसा राज्य हैं

जौ : भारत में जौ के उत्पादक राज्य मुख्यतः उत्तर प्रदेश, राजस्थान , बिहार और पंजाब राज्य हैं।

ज्वार : ज्वार के उत्पादक राज्य मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्य हैं।

बाजरा : बाजरा उत्पादक भारत के राज्य मुख्यतः गुजरात, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश।

मूंगफली : भारत के मूंगफली उत्पादक राज्य गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश हैं

तम्बाकू : तम्बाकू उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल और तमिलनाडू

रबड़ : रबड़ उत्पादक राज्य केरल, तमिलनाडु, असम, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह

काजू : काजू उत्पादक राज्य केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश।

काली मिर्च : काली मिर्च उत्पादक राज्य केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं पंडुचेरी।


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भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाएं

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मध्यकालीन भारत के  वंश एवं शासक 

भारतीय बैंकों की स्थापना वर्ष।

सिंधु घाटी सभ्यता और प्रश्नोत्तरी

नदियों किनारे स्थित शहर।

भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाएं | बहुउद्देशीय परियोजनाएं सूची.

 

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भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाएं| बहुउद्देशीय परियोजनाएं सूची।

भारत एक विविध भूगोल का देश है इसकी विविध स्थल आकृति बर्फ से ढके पहाड़ों से ले कर उपजाऊ भूमि मैदानों  और शुष्क रेगिस्तान तक है। हालाकि, पानी की कमी देश के लिए हमेशा से एक चुनौती रही है, जल संसाधनो की उपलब्धता विभिन्न क्षेत्रों में असमान रूप से वितरित की जा रही है। इस समस्या से निजात पाने का लिए, भारत सरकार ने सिंचाई, बिजली संसाधन, बाढ़ नियंत्रण और अन्य उद्देशों के लिए, पानी का उपयोग करने वाली महत्वपूर्ण विभिन्न बहुउद्देशीय परियोजनाएं सुरु की हैं।  "Gkworldhali" में आपका स्वागत है आज के इस लेख में हम सभी पढ़ेंगे बहुउद्देशीय परियोजनाएं सूची, किस नदी पर कौन सी परियोजना है, किस राज्य में कौन सी बहुउद्देशी परियोजना हैं, भारत में कितनी परियोजनाएं हैं, आदि।

भारतीय बहुउद्देशीय परियोजनाएं सूची।

रिहंद परियोजना उत्तर प्रदेश में रिहंद (सोन की सहायक नदी) पर।

शारदा प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में घाघरा से शारदा।

माताटीला बांध परियोजना उत्तर प्रदेश में बेंतवा नदी पर।

टिहरी बांध परियोजना उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर।

गाँधी सागर परियोजना मध्य प्रदेश में चंबल नदी पर।

सरदार सरोवर परियोजना मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात में नर्मदा नदी पर।

नर्मदा सागर परियोजना मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर।

रानाप्रताप सागर परियोजना राजस्थान में चंबल नदी पर।

जवाहर सागर परियोजना राजस्थान में चंबल नदी पर।

इंदिरा गांधी नहर राजस्थान में रावी, ब्यास, सतलज नदी पर।

काकरापार परियोजना गुजरात(सूरत) में ताप्ती नदी पर।

उकाई परियोजना (उकी) गुजरात में ताप्ती नदी पर।

माही परियोजना गुजरात में माही नदी पर।

साबरमती परियोजना गुजरात (मेहसाना) में साबरमती नदी पर।

भीमा परियोजना महाराष्ट्र में पवना व कृष्णा नदी पर।

फरक्का परियोजना पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर।

दामोदर घाटी परियोजना पश्चिम बंगाल वा बिहार में दामोदर नदी पर।

इदुक्की परियोजना केरल में पेरियार नदी पर।

श्रावती परियोजना कर्नाटक में श्रावती नदी पर।

थीन बांध परियोजना पंजाब में रावी नदी पर।

भांखड़ा नागल बांध परियोजना हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में सतलज नदी पर।

तुलबुल परियोजना भारत पकिस्तान में झेलम नदी पर।

टनकपुर बांध परियोजना भारत और नेपाल में महाकाली नदी (भारत) पर।

चूखा जल विद्युत परियोजना भारत और भूटान वांगचू नदी पर।

सलाल पनबिजली परियोजना जम्बू कश्मीर में चिनाब नदी पर।

कोसी परियोजना बिहार (भारत नेपाल) में कोसी नदी पर।

सोन परियोजना बिहार में सोन नदी पर।

नागार्जुन सागर परियोजना आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी पर।

निजाम सागर परियोजना आंध्र प्रदेश में तुंग भद्रा नदी पर।

पो चंपाद परियोजना आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी पर।

तुंग भद्रा परियोजना आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में तुंग भद्रा नदी पर।

हीराकुंड जलविद्युत परियोजना उड़ीसा में महा नदी पर।

शिद समुद्र परियोजना कर्नाटक में कावेरी नदी पर।


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भारतीय इतिहास की तिथियां व घटनाएं | Dates and events of Indian history.

भारतीय इतिहास की तिथियां व घटनाएं|Dates and events of Indian history.

Gkworldhali में आपका स्वागत है आज हम पढ़ेंगे भारतीय इतिहास की होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं और तारीखों के बारे में।

 ईसा पूर्व 
• 2500-1500 ई सा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता काल।
• 563 ई पू. गौतम बुद्ध का जन्म।
• 540 ई पू. वर्धमान महावीर का जन्म।
• 483 ई पू. गौतम बुद्ध का निर्वाण।
• 468 ई पू. वर्धमान महावीर की मृत्यु।
• 327-326 सिकंदर का भारत पर आक्रमण।
• 322 मौर्य वंश की स्थापना।
• 305 ई पू. चंद्रगुप्त मौर्य ने सेल्युकस को पराजित किया।
• 273- 232 ई पू. अशोक महान का शासन काल।
• 261 कलिंग का युद्ध, अशोक की विजय।
• 58 ई पू. विक्रम संवत का आरम्भ।
ईस्वी
• 78 शक संवत का आरम्भ।
• 320 गुप्तवंश प्रारम्भ।
• 335 - 380 समुद्रगुप्त का शासनकाल ।
• 380 - 415 चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का शासनकाल।
• 405 - 411 चीनी यात्री फाह्यान की भारत यात्रा।
•606  - 647 हर्षवर्धन का काल।
• 622 हिजरी संवत का प्रारंभ।
• 629-647 चीनी यात्री ह्वेनशांग का भारत यात्रा।
• 712 मोहम्मद बिन कासिम का भारत पर आक्रमण।
• 1001 महमूद गजनवी का भारत पर पहला आक्रमण।
• 1025 महमूद गजनवी का सोमनाथ पर आक्रमण और लूटपाट।
• 1191 ई. तराइन का प्रथम युद्ध।
• 1192 ई. तराइन का द्वितीय युद्ध।
• 1206 ई गुलाम वंश की स्थापना।
• 1221 ई . इल्तुतमिश के समय में चंगेज खां मंगोलों का आक्रमण।
• 1398 ई. तैमूर का भारत पर आक्रमण।
• 1498 ई. वास्कोडिगामा का कालीकट (भारत) पहुंचना।
• 1526 ई. पानीपत का प्रथम युद्ध, इब्राहिम लोदी की हर, मुगल वंश की स्थापना।
• 1527 ई. खानवां का युद्ध, बाबर ने राणा सांगा को हराया।
• 1545 ई. कालिंजर का युद्ध, शेरशाह सूरी की मृत्यु।
• 1555 ई. हुमायुं का भारत पर पुनः अधिकार।
• 1556 ई. हुमायूं की मृत्यु , पानी पथ का द्वितीय युद्ध, अकबर सिंघासन पर बैठा।
• 1572 ई. राजा उदयसिंह की मृत्यु , राणा प्रताप का राज्यारोहण।
• 1576 ई. हल्दी घाटी का युद्ध।
• 1577 ई. अकबर द्वारा मनसबदारी प्रथा का प्रारंभ।
• 1600 ई. ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना।
• 1601 ई. डच व्यापारिक कम्पनी की स्थापना।
• 1605 ई. अकबर की मृत्यु, जहागीर सिंगासन पर बैठा।
• 1608 ई. हाकिंस भारत पहुंचा।
• 1615 ई. टामस रो भारत आया।
• 1627 ई. मे शिवाजी का जन्म , जहागीर की मृत्यु।
• 1628 ई. शाहजहा सिंहासन पर बैठा।
• 1631 ई. मुमताज की मृत्यु।
• 1636 ई. औरंगजेब की दक्षिण के वायसराय के रूप में नियुक्ति।
• 1656 ई. में शिवाजी की जावली पर विजय।
• 1658 ई. में औरंगजेब सिंहासन पर बैठा।
• 1666 ई. में शाहजहा की मृत्यु , शिवाजी की आगरा यात्रा एवं वहां से उनका भाग निकलना।
• 1675 ई. में गुरुतेग बहादुर (9वे सिख गुरु) को प्राण दंड।
• 1678 ई. में मारवाड़ के राजा जसवंत सिंह की मृत्यु।
• 1680 ई. में शिवाजी की मृत्यु।
• 1681 ई. में औरंगजेब अपने विरोधी पुत्र अकबर को मानने दक्षिण जाना।
• 1719 ई. मे बालाजी विश्वनाथ और सैयद बंधुओं के बीच संधि।
• 1739 ई. में नादिर शाह का आक्रमण।
• 1744 ई. में प्रथम फ्रांसीसी कर्नाटक युद्ध प्रारंभ।
• 1750 ई. में द्वितीय आंग्ल फ्रांसीसी कर्नाटक युद्ध।
• 1756 ई. में सिराजुद्दौला नवाब बना, ब्लैक होल की घटना।
• 1756 63 ई. में अंग्रेजों फ्रांसिसियों के मध्य तृतीय कर्नाटक युद्ध।
• 1757 ई. में प्लासी का युद्ध।
• 1764 ई. बक्सर का युद्ध।
• 1767 69 प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध।
• 1770 ई. बंगाल का भीषण अकाल, जिसमे बंगाल की एक तिहाई जनता का समाप्त होना।
• 1772 - 74 ई. में वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्नर।
• 1773 ई. में रेग्यूलैटिंग एक्ट पारित।
• 1775 - 82 ई. प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध।
• 1780 - 84 ई. में द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध।
• 1790 - 92 ई. में तृतीय आंग्ल मैसूर युद्ध।
• 1799 ई. में चतुर्थ आंग्ल मैसूर युद्ध, टीपू की मृत्यु।
• 1803 - 05 ई. में द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध।
• 1806 ई. में वेल्लोर का सैनिक विद्रोह।
• 1813 ई. में चार्टर अधिनियम पारित।
• 1817 ई. में तृतीय आंग्ल मराठा युद्ध।
• 1824 - 26 ई. में आंग्ल वर्मा युद्ध।
• 1828 ई. में विलियन वेटिंग गवर्नल जनरल बना।
• 1833 ई. में नवीन चार्टर पारित, कम्पनी का व्यापारिक अधिकार समाप्त।
• 1839 - 42 ई. प्रथम आंग्ल अफगान युद्ध।
• 1845 - 46 ई. प्रथम आंग्ल सिक्ख युद्ध।
• 1848 - 49 ई. द्वितीय आंग्ल सिक्ख युद्ध।
• 1852 ई. में द्वितीय आंग्ल वर्मा युद्ध।
• 1855 ई. में संथाल विद्रोह।
• 1857 ई. में बंबई, मद्रास और कलकत्ता विश्वविद्यालय की स्थापित, महान स्वतंत्रता संग्राम का आरम्भ।
• 1858 ई. में विद्रोह की समाप्ति, विक्टोरिया साम्राज्ञी घोषित की गई।
• 1878 - 80 ई. में द्वितीय आंग्ल अफगान युद्ध।
• 1878 ई. में भारतीय भाषा समाचार पत्र अधिनियम।
• 1880 - 84 ई में लार्ड रिपन वायसराय बना।
• 1885 ई. में कांग्रेस की स्थापना, तीसरा आंग्ल वर्मा युद्ध ।
• 1892 ई. में अंग्रेजी संसद द्वारा भारतीय परिषद अधिनियम पारित।
• 1906 ई. में बंगाल का विभाजन लागू, मुस्लिम लीग की स्थापना।
• 1909 ई. में भारतीय परिषद अधिनियम पारित।
• 1912 ई. में दिल्ली राजधानी बनाई गई, लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेंका गया।
• 1913 ई. में गांधी जी का दक्षिणी अफ्रीका में सत्याग्रह सफल, सेन फ्रांसिस्को में भारतीय गदर दल का गठन।
• 1914 ई. में तिलक जेल से छूटे, 4 अगस्त को प्रथम विश्व युद्ध प्रारंभ, कामागाटामारू जलपोत कलकत्ता लौटा।
• 1916 ई. में एनिबेसेंट द्वारा अखिलभारतीय होमरूल लीग का मद्रास में गठन।
• 1917 ई. में गांधी जी ने चम्पारण में आंदोलन किया।
• 1919 ई. में रॉयल एक्ट पारित, जलिया वाला बाग हत्याकांड।
• 1920 ई. में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना, गांधी जी का प्रथम असहयोग आन्दोलन ।
• 1922 ई. में मालाबार में मोपला विद्रोह, चौरी चौरा कांड और महात्मा गांधी का आंदोलन वापस लेना।
• 1927 ई. में साइमन आयोग की नियुक्ति ।
• 1928 ई. में नेहरू रिपोर्ट में संविधान के सिद्धांतों का प्रतिपादन।
• 1929 ई. मे शारदा एक्ट, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त का विधान सभा में बम फेकना।
• 1930 ई. में कांग्रेस का सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रस्ताव पारित करना, गांधी जी का नमक का कानून तोड़ना और डांडी यात्रा।
• 1931 ई. में गांधी इरविन समझौता।
• 1932 ई. में सांप्रदायिक निर्णय की घोसाणा।
• 1935 ई. में भारत सरकार अधिनियम पारित।
• 1940 ई. में मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान का प्रस्ताओं पारित किया।
• 1942 ई. में क्रिप्स प्रस्ताव, कांग्रेस का भारत छोड़ो प्रसताओं तथा आंदोलन।
• 1943 ई. में सुभाष चन्द्र बोस टोकीयो पहुंचे और भारतीय राष्ट्रीय सेना बनाई।
• 1947 ई. 15 अगस्त 1947, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित, भारत स्वतंत्र हुआ और भारत का विभाजन हुआ
• 1948 ई में महात्मा गांधी जी की हत्या।
• 1950 ई में भारतीय संविधान लागू।
• 1951 ई. में प्रथम पांच वर्षीय योजना लागू।
• 1953 ई. में भारत में प्रथम आम चुनाव।
• 1957 ई. में द्वितीय आम चुनाव।
• 1961 गोवा दमन द्वीप स्वतंत्र भारत में विलय।
• 1962 ई. में तीसरा आम चुनाव, चीन का भारत पर आक्रमण।
• 1963 ई. में नागालैंड भारत का 16वा राज्य बना।
• 1964ई. में जवाहरलाल नेहरू जी मृत्यु।
• 1965 ई. में पाकिस्तान का भारत पर आक्रमण।
• 1966 ई में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु, इंदिरा गांधी प्रधान मंत्री बनी।
• 1967 ई में तीसरे आम चुनाव सम्पन्न।
• 1971 ई. में भारत पाक युद्ध, बांग्ला देश का जन्म।
• 1972 ई. में शिमला समझौता, सी राजगोपालाचार्य की मृत्यु।
• 1975 ई में भारत में आपातकाल, सिक्किम देश का 22वा राज्य बना
• 1977 ई में छठे आम चुनाव, जनता पार्टी विजयी।
• 1980 ई. में सातवें आम चुनाव, कांग्रेस विजयी।
• 1984 ई. में पंजाब में अपरेसन ब्लू स्टार, इंदिरा गांधी की हत्या राजीव गांधी प्रधान मंत्री बने।
• 1988 ई. में पंजाब में ऑपरेशन ब्लैकथंडर।
• 1989 ई. में नवीं लोक सभा का गठन, बी पी सिंह प्रधान मंत्री बने।
• 1993 ई. में महाराष्ट्र में भूकंप।
• 1994 ई. में सुष्मिता सेन मिस यूनिवर्स बनी, ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड बनी।
• 1997 ई. में मदर टेरेसा की मृत्यु।
• 1998 ई. में अटल बिहारी वाजपेई प्रधान मंत्री बने, पोकरण में परमाणु परीक्षण।
• 1999 ई. में कारगिल युद्ध, पाकिस्तान पराजित।
• 2002 ई. में डा ए पी जे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बने, दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा शुरू।
• 2004 ई. में डा मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने ।
• 2007 ई में श्रीमती प्रतिभा पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति बनी।
• 2014 ई. में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें।
• 2015 ई. में डा. ए पी जे अब्दुल कलाम की मृत्यु।

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